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એક લીલુંછમ ઝાડ 5 કરોડ રુપિયાના લાભ આપે છે
एक हराभरा पेड 5 करोड़ रुपए के फायदे देता है
A green leaf tree gives the benefits of 5 crores rupess

18:28 29/07/2019
स्विस स्टडी के मुताबिक- ग्लोबल वॉर्मिंग से बचने के लिए दुनियाभर में एक लाख करोड़ पेड़ लगाने की जरूरत
सरकार ने देश में 33% भूक्षेत्र में जंगल फैलाने का लक्ष्य रखा
वन क्षेत्र अभी 21.54%, कमी पूरी करने के लिए 2800 करोड़ पेड़ लगाने होंगे
1979 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. तारक मोहन दास ने एक अध्ययन किया था, जिसमें उन्होंने एक पेड़ की कीमत बताई थी।
डॉ. दास ने बताया था कि एक पेड़ अपने 50 साल के जीवन में 2 लाख डॉलर (1979 की दर) की सेवाएं देता है। इन सेवाओं में ऑक्सीजन का उत्सर्जन, भूक्षरण रोकने, मिट्‌टी उर्वरक बनाने, पानी रिसायकल करने और हवा शुद्ध करने जैसी सेवाएं शामिल हैं। अगर 1979 की कीमत की महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए गणना की जाए तो आज एक पेड़ की सेवाओं की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए होती है।
एक अन्य अध्ययन दिल्ली के एक एनजीओ दिल्ली ग्रीन्स ने 2013 में किया था। इसके मुताबिक एक स्वस्थ पेड़ साल में जितनी ऑक्सीजन देता है, अगर उसे खरीदने जाएं तो कीमत 30 लाख रुपए से भी ज्यादा होगी। यूं तो एक-एक पेड़ अमूल्य है, लेकिन यह आंकड़े यह तो बताते ही हैं कि पेड़ लगाने का हमारा प्रयास कितना महत्वपूर्ण होता है।

बाढ़ को रोकते हैं: पेड़ 10% घटे तो बाढ़ का खतरा 28% ज्यादा

बीमारियों से बचाते हैं: अस्थमा की आशंका 33% कम करते हैं 343 पेड़: यूके में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, एक वर्ग किमी में 343 पेड़ लगाने पर बच्चों में अस्थमा की आशंका 33% तक कम हो जाती है।
दवाएं देते हैं: दुनिया में 50 हजार से ज्यादा प्रकार के पौधे दवाओं वाले: अमेरिका के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में पेड़-पौधों की करीब 50 हजार ऐसी प्रजातियां हैं जिनसे दवाइयां बना सकते हैं। चीन के बाद सबसे ज्यादा ऐसी किस्में भारत में हैं। चीन में 4900 और भारत में 3000 पौधे ऐसे हैं जिन्हें दवाओं के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

सालाना 36000 जानें बच सकती हैं: खराब पर्यावरण से बचाते हैं: पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले संस्थान नेचर कंजर्वेंसी के एक अध्ययन के मुताबिक शहरों में अगर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं तो खराब पर्यावरण से होने वाली मौतों को 9 फीसदी तक कम किया जा सकता है और हर साल 36,000 लोगों की जान बचाई जा सकती है। एक अन्य अध्ययन बताता है कि एक पेड़ सालभर में 20 किग्रा तक धूल सोखता है।

तापमान नियंत्रित करता है, CO2 कम करता है: पेड़ किसी इलाके का तापमान 1 से 5 डिग्री तक कम कर सकते हैं। सालभर में एक पेड़ 22 किग्रा तक कार्बन-डायऑक्साइड सोख सकता है।

हर साल 100 किग्रा ऑक्सीजन देता है: एक पेड़ एक साल में 100 किग्रा तक ऑक्सीजन देता है। एक व्यक्ति को सालभर में 740 किग्रा ऑक्सीजन की जरूरत होती है।

बारिश करवाता है, ग्राउंडवाटर बढ़ाता है: एक पेड़ की मदद से सालाना 3500 लीटर पानी बरस सकता है। हर पेड़ करीब 3700 लीटर पानी रोककर जमीन में पहुंचाता है। इससे ग्राउंडवाटर बढ़ता है।

हवा फिल्टर कर फेफड़ों को बचाता है: एक पेड़ 6 फीसदी तक स्मॉग (धुआं और फॉग) कम करता है। पूर्ण विकसित पेड़ प्रदूषित हवा से 108 किलोग्राम तक छोटे कण और गैस सोख सकता है।

पानी स्टोर करता है, शहरों में बाढ़ रोकता है: पानी स्टोर करता है, वातावरण में पानी बनाए रखता है। इससे सूखे की आशंका कम होती है। शहरों में 530 लीटर पानी को नालियों में जाने से रोककर बाढ़ से बचाता है।

शांति और बचत के साथ सुकून भी: घर के आसपास सही जगह पेड़ लगाने पर एसी की जरूरत 30% कम होती है। इससे 20-50% बिजली बच सकती है। अंदर आने वाला शोर 50% तक कम कर सकता है।

मिट्‌टी से जहरीले पदार्थ सोखता है: एक पेड़ मिट्‌टी से करीब 80 किलोग्राम पारा, लीथियम, लेड आदि जैसी जहरीली धातुओं को सोखता है। इससे मिट्‌टी ज्यादा उर्वरक और खेती लायक बनती है।

जैव विविधता बचाने में मदद करता है: एक पेड़ से पक्षियों की 80 प्रजाति तक बच सकती हैं। देश के 84 जानवर विलुप्त हो रहे जानवरों की रेड लिस्ट में हैं। इसमें यहां दिख रहे घड़ियाल, जेपोर छिपकली, उड़न गिलहरी भी हैं।

दुनिया में इन कारणों से सबसे ज्यादा पेड़ काटे जा रहे हैं...

23% जंगल में लगनी वाली आग की वजह से
26% लकड़ी से बनने वाले उत्पादों के लिए
0.6% शहरीकरण करने के लिए
27% खेती की जमीन बढ़ाने और खनन, तेल और गैस उत्पादन के लिए
24% स्थानांतरी कृषि (खेती हेतु खाली की गई जमीन, जिसे बाद में छोड़ दिया)
17200 करोड़ वर्गफीट में फैले पेड़ काटे जा चुके हैं भारत में, पिछले 18 सालों में। यानी करीब 125 करोड़ पेड़ काटे गए। (गणना प्रति वर्गकिमी जंगल में 75000 पेड़ पर आधारित)


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